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यह आर्टिकल “प्लानेट्स के नाम हिंदी और अंग्रेजी में” “Planets Name in Hindi and English” पर आधारित है। इसमें हम देखेंगे कि विज्ञान के क्षेत्र में सौरमंडल में मौजूद ग्रहों के नाम हिंदी और अंग्रेजी भाषा में क्या हैं। सौरमंडल वह स्थान है जहां हमारा ब्रह्मांड स्थित है। यह अनगिनत तारों, ग्रहों, उपग्रहों, धूमकेतुओं, आदि से भरा हुआ है। सौरमंडल हमारे लिए विज्ञान, खोज, और अन्वेषण का अद्वितीय क्षेत्र है।हम यहां ग्रहों के नाम, उनकी विशेषताएँ और उनके बारे में थोड़ी सी जानकारी प्राप्त करेंगे। चलिए शुरू करते हैं।planets name in hindi
सौरमंडल क्या है? | What is Solar System in Hindi
सौरमंडल, जिसे हम भारतीय ज्योतिष शास्त्र में नवग्रह भी कहते हैं, वह एक सौरमंडलीय उपक्रम है जहां ग्रह, उपग्रह, उपग्रह के उपग्रह, उपग्रह के उपग्रह के उपग्रह और अन्य संयुक्त और असंयुक्त तत्व संगठित हैं। सौरमंडल में कुल 8 ग्रह हैं जो सूर्य के आस-पास चक्कर लगाते हैं। हर ग्रह अपनी अपनी धारा और अवधि में एक विशेषता रखता है।
सौरमंडल एक विशाल और रहस्यमयी स्थान है जो ब्रह्मांड में स्थित है। यह हमारी पृथ्वी समेत विभिन्न ग्रहों, उपग्रहों, तारों, नक्षत्रों और अन्य खगोलीय शरीरों का समूह है। planets name in hindi सौरमंडल में हमें सौरमंडलीय प्राणियों, गैसों, धूमकेतुओं, अस्थिर तारों, उर्वरक शरीरों और इतर अद्यात्मिक महत्व की बहुत सारी चीजें देखने को मिलती हैं।
All Planets Name in Hindi and English
नीचे दिए गए टेबल में सौरमंडल के Planets Name in Hindi and English हैं:
Planets Name In hindi | Planets Name In English |
---|---|
सूर्य | Sun |
बुध | Mercury |
शुक्र | Venus |
पृथ्वी | Earth |
मंगल | Mars |
बृहस्पति | Jupiter |
शनि | Saturn |
अरुण | Uranus |
वरुण | Neptune |
ग्रह क्या है | What is The Planet
ग्रह, सौरमंडल में सूर्य के चारों ओर घूमता है, ग्रह नियमित रूप से संसार के अन्य आकर्षक केंद्रों के बीच घूमता है। ये चक्रवाती ब्रह्मांडीय नियमों के अनुसार सौरमंडल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
ग्रहों का मार्ग और उनकी गति निश्चित रूप से नियंत्रित हैं, और न्यूटन के गतिनियम इसके लिए उत्तरदायी हैं। यह ग्रह सौरमंडल में स्थानिक है और आध्यात्मिक और वैज्ञानिक अध्ययन का विषय है।planets name in hindi
ग्रहों में धूमकेतु, शनि, बृहस्पति, मंगल, बुध, शुक्र, सूर्य, चंद्रमा, राहू और केतु शामिल हैं। ये ग्रह विशिष्ट राशि और नक्षत्रों से जुड़े हैं और अपने अलग-अलग मार्गों पर घूमते हैं। ज्योतिष के अनुसार, इन ग्रहों का संयोग और स्थिति व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव डालते हैं, और ग्रहों की गति और स्थान भविष्यफल का सबसे बड़ा कारक होते हैं।
खगोलशास्त्र और ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का अध्ययन बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, ग्रहों का वैज्ञानिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान है क्योंकि यह हमें ब्रह्मांडिक नियमों, ऊर्जा विभाजन और अंतरिक्ष की आंतरिक और बाहरी संरचना के बारे में अधिक जानकारी देता है। इन ग्रहों का अध्ययन ब्रह्मांड को समझने में मदद करता है और हमारी वैज्ञानिक और धार्मिक संस्कृति को समझने में।Planets Name In hindi
सौरमंडल के महत्वपूर्ण ग्रहों का विवरण | Solar System Planets
हमने ऊपर आपको आठ ग्रहों के नाम बताए हैं, अब हम आपको इन ग्रहों के बारे में विस्तार में बताएंगे।planets name in hindi
सूर्य (Sun): सूर्य हमारे सौरमंडल का मुख्य ग्रह है। यह ग्रह हमारी धरती को रोशनी और ऊष्मा प्रदान करता है। सूर्य हमारे जीवन का स्रोत है और इसकी गर्मी और प्रकाश हमारे दिनचर्या को प्रभावित करती है। इसका विज्ञानिक नाम “हेलियोसेंट्रिक” है, जो ग्रीक शब्द से लिया गया है और “हेलियोस” का अर्थ है “सूर्य” और “सेंट्रिक” का अर्थ होता है “केंद्रीय”। सूर्य के चारों ओर ऊष्मा और प्रकाश की किरणें होती हैं जो हमें वैज्ञानिक और आर्थिक रूप से लाभ प्रदान करती हैं।Planets Name In hindi
सूर्य की महत्वपूर्ण जानकारी:planets name in hindi
- आकार और संरचना: सूर्य ग्रह सौरमंडल का सबसे बड़ा और सबसे गर्म ग्रह है। इसका व्यास लगभग 1.4 मिलियन किलोमीटर है, जो सौरमंडल की कुल व्यास का लगभग 99% है।
- शक्ति की उपस्थिति: सूर्य धरती पर जीवन की संभावना को सुनिश्चित करने वाली प्राणदायक शक्ति का स्रोत है। सूर्य द्वारा उत्पन्न होने वाली ऊर्जा हमारी जीविका, जलवायु, और जीवनशैली के लिए महत्वपूर्ण है।
- धार्मिक और पौराणिक महत्त्व: सूर्य धार्मिकता और पौराणिक कथाओं में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह विभिन्न धर्मों में पूजनीय मान्यताओं का विषय है और इसे उद्भावक, प्राणदायक और ज्योतिषीय महत्त्व के रूप में भी मान्यता प्राप्त है।
- वैज्ञानिक महत्त्व: सूर्य का अध्ययन खगोलज्ञानियों के लिए महत्त्वपूर्ण है। इसके माध्यम से हमें सौरमंडल की गतिविधियों, ऊर्जा प्रक्रियाओं और सौर वायुमंडल के बारे में नई जानकारी प्राप्त होती है।
- मुख्य तारा: सूर्य सौरमंडल का मुख्य तारा है और सबसे अधिक ऊर्जा उत्पन्न करने वाला तारा है। इसका दृश्य रोज़ाना हमारे जीवन को रोशन करता है और यह जीवन के सभी पहलुओं को संचालित करने में मदद करता है।
चंद्रमा (Moon): चंद्रमा हमारी सौरमंडल का एकमात्र उपग्रह है। यह ग्रह हमारे आस-पास घूमता है और हमारे धरती की साथी बना हुआ है। चंद्रमा अपने आकर्षण और प्रकाश के कारण रात को चमकता है। इसकी सतह पर क्राटर, बिंदु और पर्वतों के निशान होते हैं। चंद्रमा के अलावा, चंद्रमा की दृश्यमान गति के कारण पृथ्वी के मौसम और परिवर्तन को भी प्रभावित करता है। चंद्रमा रोमांचक और रहस्यमयी है और इसका अध्ययन खगोलज्ञानियों के लिए महत्वपूर्ण है।
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चंद्रमा सौरमंडल का एक प्रमुख उपग्रह है जो पृथ्वी के आकार और संरचना के बारे में हमें अधिक जानकारी प्रदान करता है। यह ग्रह हमारे रात को सजाने वाली चंदनी की दिया की तरह चमकता है। चंद्रमा धर्म, काव्य, और कई साहित्यिक और कला-संबंधी कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।Planets Name In hindi
चंद्रमा की महत्वपूर्ण जानकारी:planets name in hindi
- आकार और संरचना: चंद्रमा पृथ्वी का सबसे नजदीकी उपग्रह है। इसका व्यास लगभग 3,474 किलोमीटर है, जो पृथ्वी के तुलना में बहुत छोटा है।
- चंद्रमा की चमक: चंद्रमा की चमक हमें रात के अंधेरे को रोशन करने में मदद करती है। इसकी दिया की तरह चमकती सतह पृथ्वी पर उजाला फैलाती है और यह रोमांचक दृश्य सृजित करती है।
- धार्मिक और साहित्यिक महत्त्व: चंद्रमा धार्मिक और साहित्यिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। यह भारतीय धर्म और संस्कृति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और कविताओं, गीतों, कहानियों, और काव्य आदि में व्यापक रूप से उपयोग होता है।
- वैज्ञानिक महत्त्व: चंद्रमा वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए महत्त्वपूर्ण है। इसके चरित्रित तत्व, अवस्था, और अध्ययन से हमें पृथ्वी के महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर मिलते हैं।
- चंद्रमा मिशन: चंद्रमा का अध्ययन वैज्ञानिकों के लिए आकर्षक है। इसके माध्यम से हम चंद्रमा पर मानवीय अवसरों की खोज कर रहे हैं और इसके साथ हमारे ग्रह से बाहर जाने की योजनाओं का अध्ययन हो रहा है।
मंगल (Mars): मंगल, जिसे लाल ग्रह भी कहा जाता है, सौरमंडल का चौथा ग्रह है। यह एक सूखे और बारिशहीन ग्रह है और इसकी धरती से लाल रंग की सतह के लिए प्रसिद्ध है। यह निश्चित समय पर आपस में आएगा और जब वह पृथ्वी के नजदीक होगा, तो हम इसे साफ आंखों से देख सकेंगे। मंगल के बारे में अधिक जानने के लिए, मंगल यात्रा पर भारतीय मंगल अभियान की जांच करें।Planets Name In hindi
मंगल ग्रह सौरमंडल का चौथा ग्रह है। यह गैसीय ग्रहों का एक प्रमुख सदस्य है और इसकी पहचान उसके लाल रंग की वजह से होती है। मंगल ग्रह को भारतीय मिथकों और पौराणिक कथाओं में मंगल देवता और सैनिक का राजा के रूप में जाना जाता है। यह ग्रह अपनी वैज्ञानिक महत्त्व और उत्कृष्ट छलनी के लिए प्रसिद्ध है।
मंगल ग्रह की महत्वपूर्ण जानकारी:planets name in hindi
- वातावरण और तापमान: मंगल ग्रह ठंडा और शुष्क ग्रह है। इसकी कड़ाक और सूखे भूमि के लिए प्रसिद्धता इसे एक आदर्श ग्रह बनाती है। मंगल ग्रह के वातावरण में कड़ाकी, धूल और शुष्क जल की अवधारणा होती है।
- आकार और दूरी: मंगल ग्रह सौरमंडल में मध्यम आकार का ग्रह है। इसका व्यास लगभग 6,779 किलोमीटर है, जो पृथ्वी के तुलना में छोटा है।Planets Name In hindi
- मंगल छलनी: मंगल ग्रह की छलनी वैज्ञानिकों के लिए महत्त्वपूर्ण है। इसकी गहरी लाल रंग की छलनी, धार्मिकता के प्रतीकों के बीच उल्लेखनीय तारों की मौजूदगी और ग्रहीय अवसरों के प्रकटीकरण से इसे रोमांचक बनाते हैं।
- मंगल मिशन: मंगल ग्रह की अध्ययन मिशन खगोलज्ञानियों के लिए महत्त्वपूर्ण है। इसके माध्यम से हमें सौरमंडल की अधिक जानकारी मिलती है और वैज्ञानिक रणनीतियों के विकास में मदद मिलती है।Planets Name In hindi
- मानवीय आवास: मंगल ग्रह के बारे में अधिक जानने के बाद, वैज्ञानिकों की रुचि मानवीय आवास की संभावना में बढ़ी है। मंगल पर आवास करने के विभिन्न योजनाओं का अध्ययन हो रहा है जो मानव जीवन को ग्रह स्थायित्व के लिए तैयार कर सकते हैं।
बुध (Mercury): बुध सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह है। यह सूर्य के आस-पास सबसे पास होता है। यह एक गर्म और सूखे ग्रह है, जिसकी सतह पर धातुरस सामग्री मौजूद है। बुध ग्रह पर सौरमंडलीय अंतरिक्ष यात्रा का भी प्रयास किया जा रहा है। यह ग्रह सूर्य की बड़ी गति के कारण चमकीला दिखता है और उसका अध्ययन विज्ञानियों के लिए महत्वपूर्ण है।
बुध ग्रह सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह है। यह ग्रह सूर्य के सबसे पास स्थित है और इसका आकार पृथ्वी के तुलना में बहुत छोटा है। बुध ग्रह तेजस्वी और चमकीले वैज्ञानिक और धार्मिक महत्त्व के लिए प्रसिद्ध है।
बुध ग्रह की महत्वपूर्ण जानकारी:planets name in hindi
- आकार और संरचना: बुध ग्रह सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह है। इसका व्यास लगभग 4,879 किलोमीटर है, जो पृथ्वी के तुलना में बहुत छोटा है।Planets Name In hindi
- गर्मी और ठंड: बुध ग्रह का तापमान बहुत अतिरिक्त होता है। इसकी दिन की ओरबिट में उष्णता और रात की ओरबिट में ठंड होती है।
- वैज्ञानिक महत्त्व: बुध ग्रह का अध्ययन वैज्ञानिकों के लिए महत्त्वपूर्ण है। इसकी वैज्ञानिक अनुसंधान मानवीय ज्ञान को बढ़ाती है और विज्ञान और तकनीकी में नई प्रगति का मार्ग प्रदान करती है।
- धार्मिक महत्त्व: बुध ग्रह धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभवों के लिए भी महत्त्वपूर्ण है। इसकी धार्मिक महत्त्वपूर्णता और बुद्ध धर्म के संदेश इसे धार्मिक अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण बनाते हैं।
- शानदार दृश्य: बुध ग्रह का दृश्य शानदार होता है। इसकी ऊर्जा, आकर्षणीय गर्मी और चमकीले विज्ञानिक वैज्ञानिक छलनी के कारण इसे चमकीला ग्रह बनाते हैं।
गुरु (Jupiter): गुरु सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। यह एक गैसीय ग्रह है और अपने विशाल आकार के कारण “ब्रह्मस्थानीय” ग्रह के रूप में भी जाना जाता है। इसकी धातुरस सतह पर वर्षा के निशान, गोलाकार आविर्भाव, और उधरों वाली धुंधली स्तर होती है। गुरु ग्रह विज्ञानियों और खगोलज्ञानियों के लिए महत्वपूर्ण है, और इसका अध्ययन ब्रह्मांडिक नियमों और गैसीय ग्रहों के विशेषताओं की समझ में मदद करता है।Planets Name In hindi
गुरु ग्रह, सौरमंडल का पांचवां और सबसे बड़ा ग्रह है। यह गैसीय ग्रहों का एक प्रमुख सदस्य है और इसकी पहचान उसके शानदार रंगीन बंदिशों की वजह से होती है। गुरु ग्रह को भारतीय मिथकों और पौराणिक कथाओं में ब्रह्मांड का गुरु और देवताओं का राजा के रूप में जाना जाता है। यह ग्रह अपनी शानदारता, बड़े आकार और वैज्ञानिक महत्त्व के लिए प्रसिद्ध है।
गुरु ग्रह की महत्वपूर्ण जानकारी:planets name in hindi
- वातावरण और तापमान: गुरु ग्रह गर्म और मितव्ययी ग्रह है। इसकी विशालता और बूंदिशों का व्यापार इसे चमकीला और गर्म बनाते हैं। गुरु ग्रह के वातावरण में आपको शानदार वैष्णव धर्मीयता और आनंद की अनुभूति होती है।Planets Name In hindi
- वैज्ञानिक महत्त्व: गुरु ग्रह का अध्ययन खगोलज्ञानियों और वैज्ञानिकों के लिए महत्त्वपूर्ण है। इसकी ग्रहीय छलनी, उपग्रहों और ग्रहीय अवसरों के अद्भुत मानचित्र इसे रोमांचक बनाते हैं और वैज्ञानिक महत्त्व की प्राप्ति कराते हैं।
- आकार और दूरी: गुरु ग्रह सौरमंडल में सबसे बड़े आकार का ग्रह है। इसका व्यास लगभग 1,39,820 किलोमीटर है, जो पृथ्वी के तुलना में बहुत बड़ा है।
- ग्रहीय छलनी की विशेषताएं: गुरु ग्रह की छलनी में विशेषताएं होती हैं, जैसे छोटे धरात्मक आदान-प्रदान, बड़ी गैसीय धुंधली तारों की मौजूदगी और ग्रह की ब्रह्मांडीय चक्रवृद्धि का मोड़।
- व्यापारिक महत्त्व: गुरु ग्रह का अध्ययन व्यापारिक और आर्थिक दृष्टिकोण से भी महत्त्वपूर्ण है। इसकी व्यापारिक महत्त्वपूर्ण भूमिका और ग्रहीय अवसरों की उपलब्धता व्यापारियों को नई संभावनाओं की प्राप्ति कराते हैं।
शनि (Saturn): शनि सौरमंडल का छठा ग्रह है और इसका आकार विशाल होता है। शनि ग्रह विशेषता से प्रसिद्ध होता है, जैसे कि इसकी छलनी जो सोने और चांदी से ढकी होती है। इसकी सतह पर बांधनीदार छलनी और उपग्रह होते हैं जो शनि को विशेषता देते हैं। इसका अध्ययन वैज्ञानिकों के लिए महत्वपूर्ण है और इससे ब्रह्मांडिक संरचना के बारे में अधिक जानकारी मिलती है।
शनि ग्रह, सौरमंडल का छठा ग्रह है और सूर्य से दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है। यह ग्रह गैसीय ग्रहों का एक प्रमुख सदस्य है और इसकी पहचान उसके सोने के छलने की वजह से होती है। शनि ग्रह को भारतीय मिथकों और पौराणिक कथाओं में शनि देवता के रूप में जाना जाता है। यह ग्रह अपनी वैज्ञानिक महत्त्व और उत्कृष्ट गोलाकार छलनी के लिए प्रसिद्ध है।
शनि ग्रह की महत्वपूर्ण जानकारी:planets name in hindi
- वातावरण और तापमान: शनि ग्रह ठंडा और शीतल ग्रह है। इसकी विशाल आकृति और ऊर्जा की पारिस्थितिकी इसे ठंडा बनाती है। शनि ग्रह के वातावरण में द्वितीयक धारण के कारण ठंड और उष्णता के अनूठे संयोजन होते हैं।
- शनि के हलके और भारी ग्रहीय छलनी: शनि ग्रह के चारों ओर एक हलकी और एक भारी ग्रहीय छलनी होती है। इसके आश्चर्यजनक छलनी से इसे “अंतरिक्ष का सोने का छलना” भी कहा जाता है।
- आकार और दूरी: शनि ग्रह सौरमंडल में बड़े आकार का ग्रह है। इसका व्यास लगभग 116,464 किलोमीटर है, जो पृथ्वी के तुलना में बहुत बड़ा है।
- ग्रहीय छलनी का जादू: शनि ग्रह की ग्रहीय छलनी में अनेक पटल और रंगों का खजाना होता है। यह छलनी ग्रह को एक आध्यात्मिक संदेश प्रदान करती है और वैज्ञानिकों को नई जानकारी के साथ प्रेरित करती है।
- ग्रहीय अवसर: शनि ग्रह को उच्चतम ग्रहीय अवसर मिलता है। इसकी ग्रहीय उपस्थिति से हमें सौरमंडल और ब्रह्मांडीय गतिविधियों के बारे में अधिक जानकारी मिलती है।
अरुण (Uranus): अरुण सौरमंडल का आठवां ग्रह है। यह ग्रह एक अलगावदी ग्रह है और इसका नाम यूनानी देवता उरानस से लिया गया है। उरानस ग्रह की सतह पर विभिन्न रंगीन बंदों की उपस्थिति देखी जा सकती है। इसका अध्ययन खगोलज्ञानियों के लिए रोमांचक और रहस्यमयी है, और यह ब्रह्मांडिक विज्ञान में अद्वितीय स्थान रखता है।
अरुण ग्रह सौरमंडल का एक छोटा और आकारशील ग्रह है। यह ग्रह सूर्य से दूर वस्त्रीकृत ग्रहों में से एक है। अरुण ग्रह का नाम वेदिक मिथक और पौराणिक कथाओं से प्राप्त हुआ है, जहां अरुण सवेरे का देवता के रूप में जाना जाता है। यह ग्रह अपनी अनूठी सूंदरता, आध्यात्मिक महत्त्व और वैज्ञानिक महत्त्व के लिए प्रसिद्ध है।
अरुण ग्रह की महत्वपूर्ण जानकारी:
- आकार और संरचना: अरुण ग्रह छोटे आकार का ग्रह है और इसकी गोलाकार आकृति होती है। इसका व्यास लगभग 1,287 किलोमीटर है।
- वातावरण और तापमान: अरुण ग्रह ठंडा और शीतल होता है। इसकी सतह पर जटिल वातावरण में दिव्य चमक और बहुतेंद्रियता होती है।
- आभासी सौरमंडलीय चक्रवृद्धि: अरुण ग्रह के चारों ओर एक आभासी सौरमंडलीय चक्रवृद्धि होती है। इसमें कई छोटे उपग्रह और छोटे ग्रहीय धातुओं की मौजूदगी होती है, जो ग्रह की सुंदरता को बढ़ाते हैं।
- वैज्ञानिक महत्त्व: अरुण ग्रह का अध्ययन खगोलज्ञानियों और वैज्ञानिकों के लिए महत्त्वपूर्ण है। इसके गहन ग्रहीय तत्वों और वातावरण में नई जानकारी की प्राप्ति इसे रोमांचक और रहस्यमय बनाती है।
- अध्यात्मिक महत्त्व: अरुण ग्रह भारतीय मिथक और धर्म के साथ गहरा जुड़ाव रखता है। इसे आध्यात्मिक और तांत्रिक अध्ययनों में उपयोग किया जाता है और यह मन की शांति, स्पष्टता और आनंद को प्रदान करने के लिए प्रमुख संकेत माना जाता है।
वरुण (Neptune): नेपच्यून सौरमंडल का आखिरी ग्रह है। यह बहुत दूरस्थ ग्रह है और नाम ग्रीक देवता वरुण से लिया गया है। नेपच्यून ग्रह विशेषता में गहरे नीले रंग की सतह के लिए प्रसिद्ध है। यह ग्रह बहुत ठंडा और अस्थायी होता है और इसका अध्ययन वैज्ञानिक और खगोलज्ञानियों के लिए महत्वपूर्ण है।
वरुण ग्रह, सौरमंडल का आठवां और दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है। यह ग्रह गैसीय ग्रह है और सूर्य से दूर वस्त्रीकृत ग्रहों में से एक है। वरुण ग्रह का नाम भारतीय मिथक और पौराणिक कथाओं से प्राप्त हुआ है, जहां वरुण समुद्र और जल का देवता के रूप में जाना जाता है। यह ग्रह अपनी रहस्यमयी और सुंदर वस्त्रीकृत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है।
वरुण ग्रह की महत्वपूर्ण जानकारी:
- वातावरण और तापमान: वरुण ग्रह एक ठंडा और शीतल ग्रह है। इसकी गहरी ग्रहीय वातावरण में अत्यधिक ठंड होती है, जिसे हेलियम और हाइड्रोजन के धूम्रपान में ज्यों का ताप व नीले रंग की मोड़ देती है।
- ग्रहीय संरचना: वरुण एक वातावरण में लपेटी हुई गैसीय परत वाला ग्रह है। इसके पास एक बड़ी ग्रहीय छलनी है, जिसे “वरुण की छलनी” कहा जाता है। यह छलनी ग्रह के चारों ओर घूमती है और इसे ब्रह्मांडीय अंतरिक्ष की सबसे पहली छलनी माना जाता है।
- आकार और दूरी: वरुण ग्रह सौरमंडल में बृहस्पति के बाद सबसे बड़ा ग्रह है। इसका व्यास लगभग 49,244 किलोमीटर है। इसकी वृत्तीय आवृत्ति पृथ्वी की तुलना में बहुत बड़ी है।
- वर्षा: वरुण ग्रह पर बारिश का मौसम होता है। इसमें गहन घनत्व वाले मेथेन बादल होते हैं, जो ग्रह की वस्त्रीकृत वातावरण को नीला रंग प्रदान करते हैं।
- अवधि और चक्रवृद्धि: वरुण एक पूर्ण आवृत्ति पृथ्वी से लगभग 165 वर्ष में पूरी करता है। इसके चक्रवृद्धि में 5 छोटे उपग्रहों की उपस्थिति होती है, जिनमें से एक हाइड्रोकार्बन धातुओं के द्वारा नीला चमकदार मंगल प्रदान करता है।
Pluto Planet in Hindi – प्लूटो ग्रह की जानकारी
प्लूटो (Pluto): प्लूटो ग्रह सौरमंडल का एक छोटा और दूरस्थ ग्रह है। प्लूटो को “ब्रह्मांडीय द्वार” के रूप में भी जाना जाता है। यह ग्रह सौरमंडल का एक बेहद ठंडा और शीतल स्थान है। प्लूटो ग्रह का अध्ययन वैज्ञानिकों और खगोलज्ञानियों के लिए रोमांचक है, क्योंकि यह हमें अधिक जानकारी देता है ब्रह्मांड और उसके ग्रहों के बारे में।
प्लूटो ग्रह की अहम जानकारी:
- आकार और संरचना: प्लूटो छोटे आकार का ग्रह है और इसकी गोलाकार आकृति होती है। इसका व्यास लगभग 2370 किलोमीटर है।
- वातावरण: प्लूटो ग्रह ठंडा और शीतल होता है। इसकी सतह पर धूम्रपान ग्रहों की तरह गहरी सतही तापमान रहता है।
- अवधि: प्लूटो एक पूर्ण आवृत्ति पृथ्वी से अधिक देर लगाता है। इसकी एक पूर्ण आवृत्ति को पूरा करने में लगभग 248 वर्ष लगते हैं।
- खगोलीय अवसर: प्लूटो का खगोलीय अवसर अपनी दूरता के कारण अत्यंत दुष्कर है। इसे धूम्रपान ग्रहों के साथ तारे और ब्रह्मांडीय वस्तुओं के साथ देखना बहुत मुश्किल होता है।
Solar System Planets के अतिरिक्त बौने ग्रह का विवरण
सौरमंडल में ऊर्ध्वगति के साथ कई उपग्रह और उप-उपग्रह होते हैं जो यहां दिए गए हैं:
- सिरियस (Ceres): सिरियस ग्रह, सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह है और इसे कुबेर से भी “कुबेर की संबंधिता” के नाम से जाना जाता है। यह एक बड़ा घना ग्रह है और इसकी सतह पर विभिन्न क्राटर, पर्वत और गहरे खाई देखे जा सकते हैं। सिरियस ग्रह का अध्ययन खगोलज्ञानियों के लिए महत्वपूर्ण है और यह ब्रह्मांडिक नियमों की समझ में मदद करता है।
- माकेमाके (Makemake): माकेमाके ग्रह आइसबर्ग ग्रह के रूप में भी जाना जाता है। यह ग्रह सौरमंडल का एक गैसीय ग्रह है और इसकी सतह पर तापमान बहुत ठंडा होता है। इसका अध्ययन वैज्ञानिकों के लिए महत्वपूर्ण है और इससे ब्रह्मांडिक अंतरिक्ष की संरचना के बारे में अधिक जानकारी मिलती है।planets name in hindi
- हौमे (Haumea): हौमे ग्रह सौरमंडल का एक छोटा ग्रह है और इसे “द्विघटित” ग्रह के रूप में भी जाना जाता है। इसकी सतह पर विभिन्न आकारों के द्विघटित आविर्भाव देखे जा सकते हैं और यह ग्रह गतिशील और असामान्य आकृति के कारण खगोलज्ञानियों के लिए रोमांचक है।
- ईरिस (Eris): ईरिस सौरमंडल का छठा ग्रह है और इसे “बहुविधी” ग्रह के रूप में भी जाना जाता है। इसकी सतह पर बहुविधी गर्मी और अत्यधिक ठंड देखी जा सकती है। ईरिस ग्रह का अध्ययन वैज्ञानिक और खगोलज्ञानियों के लिए महत्वपूर्ण है और इससे ब्रह्मांडिक अंतरिक्ष और ग्रहों की विशेषताएं समझने में मदद मिलती है।
- सेड्ना (Sedna): सेड्ना सौरमंडल का एक नया ग्रह है। यह ग्रह धूमकेतु ग्रह के रूप में भी जाना जाता है और यह एक ठंडा और दूरस्थ ग्रह है। इसका अध्ययन वैज्ञानिकों के लिए रोमांचक है, और इससे ब्रह्मांडिक नियमों और उत्पत्ति के संबंध में अधिक जानकारी मिलती है।
इन ग्रहों की विशेषताएँ और उनका विवरण विभिन्न विज्ञानिक अध्ययनों द्वारा जारी किए जा रहे हैं।
सूर्य से बढ़ते क्रम में ग्रहों की दूरी
सूर्य से बढ़ते क्रम में ग्रहों की दूरी क्रम में निम्नलिखित हैं: बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, अरूण और वरूण हैं।
सूर्य से बढ़ते क्रम में ग्रहों की दूरी निम्नलिखित है:planets name in hindi
- मार्क्युरी (Mercury): सूर्य से लगभग 57 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- वीनस (Venus): सूर्य से लगभग 108 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- पृथ्वी (Earth): सूर्य से लगभग 150 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- मंगल (Mars): सूर्य से लगभग 228 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- जुपिटर (Jupiter): सूर्य से लगभग 778 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- सैटर्न (Saturn): सूर्य से लगभग 1.4 बिलियन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- यूरेनस (Uranus): सूर्य से लगभग 2.9 बिलियन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- नेपच्यून (Neptune): सूर्य से लगभग 4.5 बिलियन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
ग्रहों का महत्व
सौरमंडल के ग्रहों का अध्ययन वैज्ञानिकों के लिए महत्वपूर्ण है। इन ग्रहों का अध्ययन हमें सौरमंडल और ब्रह्मांड के बारे में अधिक ज्ञान प्रदान करता है। यह समझने में मदद करता है कि कैसे सौरमंडल का निर्माण हुआ, उसका विकास हुआ और विभिन्न ग्रहों के बीच कैसे संघर्ष हुआ।
Conclusion
इस आर्टिकल में हमने देखा कि सौरमंडल में मौजूद Planets Name in Hindi and English क्या हैं। हमने सौरमंडल के महत्वपूर्ण ग्रहों के विवरण को भी देखा। इन ग्रहों का अध्ययन हमें सौरमंडल के बारे में अधिक जानकारी प्रदान करता है और हमारे विज्ञानिक ज्ञान को मजबूत करता है।
(FAQs) 8 planets name in hindi
सौरमंडल में कुल कितने ग्रह हैं?
सौरमंडल में कुल 8 ग्रह हैं।
सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह कौन सा है?
सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति (Jupiter) है।
प्लूटो एक ग्रह है या नहीं?
हां, प्लूटो पहले एक ग्रह माना जाता था, लेकिन अब इसे अंतरिक्ष शास्त्रीय संगणकों द्वारा छोटा ग्रह माना जाता है।
सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह कौन सा है?
सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह मर्क्यूरी (Mercury) है।
क्या सौरमंडल में केवल ग्रह ही होते हैं?
नहीं, सौरमंडल में ग्रहों के साथ-साथ उपग्रह, उप-उपग्रह और अन्य तत्व भी होते हैं।